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क्या सोना बन रहा है डॉलर का विकल्प? जानिए क्यों दुनिया भर की सरकारें कर रही हैं ‘गोल्ड रश’!
2025 की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में 10% का उछाल, सेंट्रल बैंकों की रिकॉर्ड खरीदारी, और ट्रंप के टैरिफ बम ने गोल्ड को वैश्विक चर्चा का केंद्र बना दिया है। 17 फरवरी तक, भारत में 24 कैरेट सोना 87,860 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुँच चुका है, जबकि चीन, पोलैंड और तुर्की जैसे देशों ने 2024 में 1,000+ टन सोना खरीदकर इतिहास रच दिया। सवाल यह है: क्या यह डी-डॉलराइजेशन की शुरुआत है या ट्रंप की नीतियों से बचने की रणनीति?
2024 vs 2025: सोने की कीमतों और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी का तुलनात्मक विश्लेषण
पैरामीटर | 2024 | 2025 (फरवरी तक) |
---|---|---|
भारत में 24K सोना (10 ग्राम) | 77,500 रुपये | 87,860 रुपये |
वैश्विक सेंट्रल बैंक खरीद | 1,045 टन | 1,100+ टन (अनुमानित) |
COMEX गोल्ड कीमत | 2,550 डॉलर/औंस | 2,968 डॉलर/औंस |
(स्रोत: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल, RBI रिपोर्ट्स)
सरकारों की ‘गोल्ड होड़’ के 3 बड़े कारण
- ट्रंप का ‘टैरिफ बम’:
- अमेरिका ने मेक्सिको, कनाडा और चीन पर 10-25% टैरिफ लगाया, जिससे वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ी।
- निवेशकों को डर: ट्रंप की नीतियों से महंगाई और आर्थिक मंदी का खतरा।
- डॉलर पर बढ़ती निर्भरता का विरोध:
- रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका ने रूस के $600 बिलियन डॉलर रिजर्व जब्त किए।
- चीन, भारत, तुर्की जैसे देश अब “डॉलर-फ्री” अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं।
- जियोपॉलिटिकल टेंशन:
- हमास-इजरायल युद्ध, यूक्रेन-रूस तनाव, और महामारी की वापसी का डर।
- विशेषज्ञों का मानना है: “सोना ही एकमात्र सेफ हेवन है!”
2024 में किस देश ने कितना सोना खरीदा?
- पोलैंड: 90 टन (कुल भंडार: 448 टन)
- भारत (RBI): 72.6 टन (कुल भंडार: 876.18 टन)
- तुर्की: 75 टन (कुल भंडार: 585 टन)
- चीन: 34 टन (कुल भंडार: 2,264 टन)
(RBI के पास सोने का मूल्य: 2024 में 48.3बिलियनसेबढ़कर2025में48.3बिलियनसेबढ़कर2025में66.2 बिलियन)
क्या डर के चलते RBI और चीन जमा कर रहे हैं सोना?
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का स्पष्टीकरण:
- “सोना खरीदना डॉलर को चुनौती नहीं, बल्कि रिजर्व पोर्टफोलियो को संतुलित करने की रणनीति है।”
- RBI की चिंता:
- अमेरिकी ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव और डॉलर की मजबूती से रुपये पर दबाव।
- गोल्ड रिजर्व बढ़ाकर आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
ट्रंप की वापसी ने बढ़ाई चिंता: क्या होगा आगे?
- न्यूयॉर्क-लंदन में सोने की डिलीवरी में देरी:
- ट्रंप के टैरिफ की आशंका से व्यापारियों ने 393 टन सोना एक्सचेंज से निकाला।
- बैंक ऑफ इंग्लैंड का वेटिंग टाइम 4 सप्ताह तक पहुँचा।
- विशेषज्ञों की भविष्यवाणी:
- “अगर ट्रंप ने 2025 में सभी आयातों पर 10% टैरिफ लगाया, तो सोना 3,200 डॉलर/औंस तक पहुँच जाएगा।”
गोल्ड में निवेश करने के 3 सुरक्षित तरीके
- Sovereign Gold Bonds (SGB):
- सरकारी गारंटी + 2.5% वार्षिक ब्याज।
- डिजिटल गोल्ड (Paytm, गोल्डबी):
- बिना स्टोरेज टेंशन के 1 ग्राम से शुरुआत।
- गोल्ड ETF:
- शेयर बाजार की तरह खरीदें-बेचें और पाएं रियल-टाइम रिटर्न।
अगला कदम: क्या आपको भी बढ़ाना चाहिए गोल्ड होल्डिंग?
सोना आज न सिर्फ “सुरक्षित निवेश” बल्कि भविष्य की आर्थिक अनिश्चितता का बीमा बन चुका है। 2025 में 15% रिटर्न और सेंट्रल बैंकों की रणनीति ने इसे और आकर्षक बना दिया है। हालाँकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं: “गोल्ड को पोर्टफोलियो का 10-15% ही रखें, क्योंकि इसकी लिक्विडिटी कम होती है।”
क्या आपको लगता है सोना डॉलर को टक्कर दे पाएगा? कमेंट में बताएं!