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बजट 2025 में इनकम टैक्स में बड़ा बदलाव! अब ₹12 लाख तक की आय पूरी तरह कर-मुक्त होगी, जिससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर प्रणाली में टैक्स स्लैब और TDS दरों में भी महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इस लेख में, हम आपको Income Tax Slab 2025-26 के नए नियम, TDS में छूट, कर दायित्व की गणना, और आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी देंगे।
मुख्य बिंदु:
- ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं
- नई टैक्स स्लैब में बदलाव, अधिकतम कर दर 30% होगी
- सीनियर सिटीजन्स के लिए TDS छूट ₹50,000 से बढ़कर ₹1,00,000
- ITR फाइलिंग की समय सीमा बढ़ाकर 4 साल कर दी गई
नई इनकम टैक्स स्लैब 2025-26 (New Tax Slab 2025-26)
नई कर प्रणाली के तहत संशोधित टैक्स स्लैब:
आय सीमा (₹) | टैक्स दर (%) |
---|---|
0 – 4 लाख | शून्य (0%) |
4 – 8 लाख | 5% |
8 – 12 लाख | 10% |
12 – 16 लाख | 15% |
16 – 20 लाख | 20% |
20 – 24 लाख | 25% |
24 लाख से ऊपर | 30% |
महत्वपूर्ण:
- अगर आपकी वार्षिक आय ₹12 लाख तक है और कोई पूंजीगत लाभ (Capital Gains) नहीं है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
- पहले ₹7 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री थी, जिसे अब ₹12 लाख तक बढ़ा दिया गया है।
- 50 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों को ₹1.10 लाख की कर बचत होगी।
नए TDS/TCS नियम 2025-26 (Updated TDS Rates 2025-26)
TDS कटौती की नई सीमा (Threshold)
धारा | पुरानी सीमा (₹) | नई सीमा (₹) |
---|---|---|
194A – बैंक ब्याज (सामान्य नागरिकों के लिए) | ₹40,000 | ₹50,000 |
194A – बैंक ब्याज (सीनियर सिटीजन्स के लिए) | ₹50,000 | ₹1,00,000 |
194 – डिविडेंड पर TDS | ₹5,000 | ₹10,000 |
194D – इंश्योरेंस कमीशन | ₹15,000 | ₹20,000 |
194G – लॉटरी टिकट पर कमीशन | ₹15,000 | ₹20,000 |
194H – कमीशन और ब्रोकरेज | ₹15,000 | ₹20,000 |
194J – प्रोफेशनल फीस | ₹30,000 | ₹50,000 |
194I – मकान किराया (रेंट) | ₹2,40,000 | ₹50,000 प्रति माह |
206C(1G) – अंतरराष्ट्रीय दौरे और LRS | ₹7,00,000 | ₹10,00,000 |
महत्वपूर्ण बदलाव:
- अब सीनियर सिटीजन्स के लिए ₹1 लाख तक के ब्याज पर कोई TDS नहीं लगेगा।
- सामान्य नागरिकों के लिए ₹50,000 तक के बैंक ब्याज पर TDS छूट।
- प्रोफेशनल फीस और किराए की TDS सीमा को बढ़ाकर ₹50,000 प्रति माह कर दिया गया है।
ITR फाइलिंग की नई समय सीमा (New ITR Filing Deadline)
अब करदाता अपने आयकर रिटर्न (ITR) को 4 साल तक अपडेट कर सकते हैं!
- पहले ITR अपडेट करने की सीमा 24 महीने (2 साल) थी, जिसे अब बढ़ाकर 48 महीने (4 साल) कर दिया गया है।
- इससे करदाताओं को स्वैच्छिक अनुपालन करने और पेनल्टी से बचने का मौका मिलेगा।
नए कर नियमों से आपको कितनी बचत होगी?
विभिन्न आय स्तरों पर कर छूट का लाभ:
वार्षिक आय (₹) | पहले टैक्स (₹) | अब टैक्स (₹) | बचत (₹) |
---|---|---|---|
₹7,00,000 | 0 | 0 | 0 |
₹12,00,000 | ₹90,000 | 0 | ₹90,000 |
₹24,00,000 | ₹4,80,000 | ₹3,70,000 | ₹1,10,000 |
निष्कर्ष: नई कर प्रणाली में ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं और ₹24 लाख कमाने वालों को ₹1.10 लाख की टैक्स छूट मिलेगी!
पुराने और नए कर प्रणाली की तुलना
क्या आपको नई कर प्रणाली अपनानी चाहिए?
विवरण | पुरानी कर प्रणाली | नई कर प्रणाली |
---|---|---|
छूट और कटौती | अधिक (80C, HRA, LTA आदि) | सीमित |
टैक्स दरें | अधिक | कम |
टैक्स स्लैब | ₹2.5 लाख तक कर मुक्त | ₹4 लाख तक कर मुक्त |
₹12 लाख की इनकम पर टैक्स | ~₹90,000 | ₹0 |
सरलीकरण | नहीं | हां |
अगर आपकी आय ₹12 लाख तक है, तो आपको नई कर प्रणाली में कोई टैक्स नहीं देना होगा!
- बजट 2025 के इनकम टैक्स बदलावों का संक्षेप:
- ₹12 लाख तक की आय पूरी तरह कर-मुक्त
- नए टैक्स स्लैब से मध्यम वर्ग को राहत
- TDS की सीमा बढ़ी, खासकर सीनियर सिटीजन्स के लिए
- ITR फाइलिंग की समय सीमा 4 साल तक बढ़ाई गई
- 70% से अधिक करदाता पहले ही नई कर प्रणाली अपना चुके हैं
अब आपके लिए क्या सही है?
अगर आपकी आय ₹12 लाख तक है, तो नई कर प्रणाली ही सबसे बेहतर है!
पुरानी कर प्रणाली उन्हीं के लिए सही होगी, जो 80C, HRA और अन्य कटौतियों का अधिक लाभ उठाते हैं।
क्या आपको यह नई कर प्रणाली पसंद आई? कमेंट में अपनी राय दें!
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